मुंबई: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का आज मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के डॉ. संतोष शेट्टी ने पुष्टि की कि वयोवृद्ध कलाकार को बुढ़ापे से जुड़ी जटिलताओं के चलते अंतिम सांस लेनी पड़ी। वह काफी समय से इसी अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।
उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मनोज कुमार लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। 1960 और 1970 के दशक में अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए मशहूर इस अभिनेता ने भारतीय सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी है।
उनके निधन की खबर मिलते ही फैंस, फिल्म जगत के लोगों और राजनेताओं ने सोशल मीडिया पर शोक जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें “भारतीय सिनेमा का प्रतीक” बताते हुए एक ट्वीट में कहा, “मनोज जी के काम ने राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाई और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।”

अक्षय कुमार, अजय देवगन जैसे समकालीन कलाकारों ने भी उनके निधन पर दुख जताया। अक्षय ने बताया कि वह मनोज कुमार की फिल्में देखकर बड़े हुए हैं, जिन्होंने उनमें देशभक्ति की भावना भरी। अजय देवगन ने उन्हें बॉलीवुड के स्वर्ण युग का अहम हिस्सा बताया।
1937 में पंजाब में जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। ‘शहीद’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों ने उन्हें हिंदी सिनेमा में खास पहचान दिलाई।
उनकी फिल्मों ने देशभक्ति, आम आदमी के संघर्ष और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को बखूबी दिखाया। उन्हें प्यार से ‘भारत कुमार’ कहा जाता था। आज भी उनकी फिल्मों के देशभक्ति वाले दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं।
उन्हें पद्म श्री और दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।